दुनिया भर में iPhones की लोकप्रियता के बावजूद, इंदोनेशिया ने iPhone 16 सीरीज की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। हाल ही में सरकार ने Apple के $100 मिलियन के निवेश प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि यह राशि पर्याप्त नहीं है। आइए जानते हैं कि इंदोनेशिया Apple से नाराज क्यों है और इस बैन के पीछे की असली वजह क्या है।
Apple का प्रस्ताव क्यों ठुकराया गया?
इंदोनेशिया के उद्योग मंत्री अगुस गुमिवांग ने स्पष्ट रूप से कहा कि Apple का निवेश प्रस्ताव उन्हें संतोषजनक नहीं लगा। उनका कहना है कि Apple ने वियतनाम में अरबों डॉलर का निवेश किया है, जबकि इंदोनेशिया एक बड़ा बाजार होने के बावजूद उससे कम राशि की पेशकश की गई है।
मंत्री ने कहा:
“हमें Apple से समान व्यवहार चाहिए। अगर वे हमारे देश में व्यापार करना चाहते हैं, तो उन्हें वियतनाम जैसी शर्तों पर निवेश करना होगा।”
इंदोनेशिया में iPhone क्यों बैन हुआ?
इंदोनेशिया का कानून विदेशी कंपनियों से मांग करता है कि वे अपने 40% उत्पाद स्थानीय स्तर पर बनाए और आपूर्ति करें। Apple इस नियम का पालन करने में असफल रहा, जिससे सरकार ने iPhone 16 सीरीज की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया।
सरकार का कहना है कि इस नियम का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन और निवेश को बढ़ावा देना है। हालांकि Apple ने $100 मिलियन का निवेश प्रस्ताव रखा, लेकिन सरकार ने इसे नाकाफी मानते हुए खारिज कर दिया।
Apple के लिए क्या है आगे की राह?
इंदोनेशिया ने स्पष्ट किया है कि वह Apple को वापस व्यापार में लाना चाहता है, लेकिन समानता और न्यायपूर्ण समाधान के साथ। सरकार ने यह भी मांग की है कि Apple 2023 में किए गए निवेश वादों को पूरा करे और 2024-2026 के लिए बेहतर प्रस्ताव लाए।
यह पहली बार नहीं है जब इंदोनेशिया ने विदेशी टेक कंपनियों पर सख्त रुख अपनाया है। इससे पहले Google Pixel और TikTok जैसी कंपनियों को भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा।
क्या आप सोचते हैं कि Apple इन शर्तों को मानकर इंदोनेशिया में वापसी करेगा? हमें अपने विचार बताएं!